अखिलेश यादव का जीवन परिचय | Akhilesh Yadav Biography in Hindi

अखिलेश यादव (जन्म: 1 जुलाई 1973) एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं जो उत्तर प्रदेश के सबसे युवा मुख्यमंत्री रह चुके हैं। इससे पूर्व वे लगातार तीन बार सांसद भी रह चुके हैं। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव के पुत्र अखिलेश यादव ने 2012 के उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव में अपनी पार्टी का नेतृत्व किया। उनकी पार्टी को राज्य में स्पष्ट बहुमत मिलने के बाद, 15 मार्च 2012 को उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्य मन्त्री पद की शपथ ग्रहण की।

अखिलेश यादव का संक्षिप्त जीवनी

अखिलेश यादव का जन्म 1 जुलाई 1973 को इटावा जिले के सैफई गाँव में हुआ। अखिलेश यादव के पिता का नाम मुलायम सिंह यादव और माँ का नाम मालती देवी। अखिलेश यादव, मुलायम सिंह यादव की पहली पत्नी मालती देवी के यहाँ हुआ। इनके पिता भी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हैं। अखिलेश यादव का विवाह डिम्पल यादव के साथ 24 नवंबर 1999 को हुआ था। अखिलेश तीन बच्चों के पिता हैं। जिनमे दो बेटी अदिति, टीना और एक लड़का अर्जुन है। इनकी पत्नी सांसद हैं और वह कन्नौज से निर्विरोध सांसद चुनी गई थीं। लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव मे उन्हे हार का सामना करना पड़ा।

शिक्षा

अखिलेश यादव ने अपनी स्कूली शिक्षा राजस्थान के धौलपुर मिलिट्री स्कूल से पूरी की। उसके बाद उन्होंने मैसूर विश्वविद्यालय से सिविल इंजीनियरिंग किया। इसके बाद आगे की पढाई करने के लिए सिडनी चले गए। उन्होंने सिडनी विश्वविद्यालय दाखिला लिया। जहां से उन्होंने पर्यावरण इंजीनियरिंग में स्नातकोत्तर की। अखिलेश यादव पेशे से वह एक इंजीनियर, कृषक और एक सामाजिक-राजनीतिक कार्यकर्ता है।

अखिलेश यादव का राजनितिक कैरियर

अखिलेश यादव अपने पिता मुलायम सिंह यादव के साथ पार्टी ( समाजवादी पार्टी ) के कार्य में मदद करते थे लेकिन इन्होने एक संसद के तौर पर मई 2009 के लोकसभा उप-चुनाव फिरोजाबाद सीट से लड़ा। जिसमे अपने नजदीकी प्रतिद्वंद्वी बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी एस०पी०एस० बघेल को 67,301 मतों से हराया। इसके अलावा वे कन्नौज से भी जीते। बाद में उन्होंने फिरोजाबाद सीट से त्यागपत्र दे दिया और कन्नौज सीट अपने पास रखी।
          2012 के विधान सभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने 224 सीटें प्राप्त की इसके साथ ही मात्र 38 वर्ष की आयु में अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश के 33वें मुख्यमन्त्री बन गये। 2 मई 2012 को अखिलेश ने 15वीं लोकसभा से इस्तीफा दे दिया और उत्तर-प्रदेश के विधानसभा काउंसिल के सदस्य बन गये। जुलाई 2012 में जब समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने उनके कार्य की आलोचना करते हुए व्यापक सुधार का सुझाव दिया तो जनता में यह सन्देश गया कि सरकार तो उनके पिता और दोनों चाचा चला रहे हैं, अखिलेश नहीं।
         उनकी सरकार को दूसरा झटका तब लगा जब एक आईएएस अधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल को निलम्बित करने पर चारों ओर से उनकी आलोचना हुई। जिसके परिणाम स्वरूप उन्हें नागपाल को बहाल करना पड़ा। 2013 के मुजफ्फरनगर दंगों में 43 व्यक्तियों के मारे जाने व 93 के घायल होने पर कर्फ्यू लगाना पड़ा तथा सेना ने आकर स्थिति पर काबू किया। मुस्लिम व हिन्दू जाटों के बीच हुए इस भयंकर दंगे से उनकी सरकार की बड़ी आलोचना हुई। यूपी के 2014 में सपा ने 22.35 वोट शेयर के साथ 5 सीटें जीती थीं, वहीं 2019 में पार्टी का वोट शेयर 4 फीसदी से अधिक की कमी के साथ 17.96 फीसदी पर पहुंच गया। पार्टी 5 सीटें जीतने में सफल रही। मैनपुरी में संरक्षक मुलायम सिंह यादव और आजमगढ़ से अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बड़ी जीत दर्ज कर पार्टी की प्रतिष्ठा बचा ली। मुलायम ने मैनपुरी में अपने प्रतिद्वंदी उम्मीदवार भाजपा के प्रेम सिंह शाक्य को 94389 मतों के अंतर से हराया। वहीं अखिलेश यादव ने आजमगढ़ में भोजपुरी फिल्म स्टार दिनेश लाल यादव निरहुआ को 259874 वोट से हराया।
         2017 में हुए उत्तर-प्रदेश के विधानसभा चुनावों से पहले अखिलेश यादव ने कांग्रेस पार्टी से गठबंधन कर लिया था। उन्होंने विकास के मुद्दे पर वोट मांगे थे और राज्य से कम्युनल शक्ति को हटाने का प्रयास किया, फिर भी समाजवादी पार्टी चुनावों में जीत नहीं सकी। और भारतीय जनता पार्टी ने अपनी सरकार बनायीं।

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