लक्ष्मी मित्तल की जीवनी | Lakshmi Mittal Biography In Hindi

लक्ष्मी मित्तल एक भारतीय उद्योगपति और दुनिया के सबसे बड़े स्टील उत्पादक कंपनी आर्सेलर मित्तल के सीईओ और चेयरमैन हैं। हालांकि वे यूनाइटेड किंगडम में रहते हैं पर उन्होंने भारत की नागरिकता नहीं छोड़ी है। वे भारत के साथ-साथ दुनिया के सबसे अमीर व्यक्तियों में से एक हैं। पेशेवर इंग्लिश फुटबाल क्लब ‘क्वींस पार्क रेंजर्स फुटबाल क्लब’ में उनकी 33 प्रतिशत हिस्सेदारी है। सन 2007 में उन्हें यूरोप का सबसे अमीर हिन्दू और एशियन माना गया। सन 2002 में ब्रिटेन के आठवें नंबर का सबसे अमीर व्यक्ति होने के बावजूद वे ब्रिटिश नागरिक नहीं हैं। 
 लक्ष्मी मित्तल ‘विश्व स्टील संगठन’ के कार्यकारी समिति, भारतीय प्रधानमंत्री के ‘वैश्विक सलाहकार समिति’, कज़ाकिस्तान के ‘फॉरेन इन्वेस्टमेंट कौंसिल’, ‘वर्ल्ड इकनोमिक फोरम’ के अन्तराष्ट्रीय व्यापार समिति, और मोजांबिक के राष्ट्रपति के अन्तराष्ट्रीय सलाहकार बोर्ड के सदस्य हैं। वे अमेरिका स्थित केल्लोग्स स्कूल ऑफ़ मैनेजमेंट के सलाहकार बोर्ड और ‘क्लीवलैंड क्लिनिक’ के ‘बोर्ड ऑफ़ ट्रस्टीज’ के सदस्य हैं।

सन 2006 में ‘द सन्डे टाइम्स’ ने उन्हें ‘बिज़नस पर्सन ऑफ़ 2006’, ‘द फाइनेंसियल टाइम्स’ ने उन्हें ‘पर्सन ऑफ़ द इयर’ और ‘टाइम’ पत्रिका ने उन्हें ‘इंटरनेशनल न्यूज़मेकर ऑफ़ द इयर 2006’ का सम्मान दिया। सन 2007 में ‘टाइम’ पत्रिका ने उन्हें ‘दुनिया के 100 सबसे प्रभावशाली व्यक्तियों’ की सूची में रखा।

लक्ष्मी मित्तल प्रारंभिक जीवन

लक्ष्मी मित्तल का जन्म 2 सितंबर, 1950 को राजस्थान के चुरू जिले की राजगढ़ तहसील में हुआ था। उनके पिता का नाम मोहन लाल मित्तल और माँ का नाम गीता मित्तल। लक्ष्मी मित्तल संयुक्त परिवार में पैदा हुए थे और बाद में उनका परिवार कोलकाता चला गया। उनके के दो भाई हैं – प्रमोद मित्तल और विनोद मित्तल। लक्ष्मी मित्तल ने सन 1957 से 1964 तक श्री दौलतराम नोपानी विद्यालय से शिक्षा ग्रहण की। उन्होंने कोलकाता के सेंट जेविएर्स कॉलेज (कोलकाता विश्वविद्यालय से सम्बद्ध) से वाणिज्य में बिजनेस ऐंड अकाउंटिंग में गैजुएशन की। उनके पिता मोहन लाल मित्तल का इस्पात का व्यवसाय था – निप्पन डेनरो इस्पात।

लक्ष्मी मित्तल का उद्योग जगत में कदम
भारत सरकार द्वारा स्टील के उत्पादन पर नियंत्रण के वजह से 26-वर्षीय लक्ष्मी मित्तल ने सन 1976 में अपना पहला स्टील कारखाना ‘पी.टी. इस्पात इंडो’ इंडोनेशिया के सिदोअर्जो में स्थापित किया। 1990 के दशक तक भारत में मित्तल परिवार के परिसंपत्ति के रूप में नागपुर में शीट स्टील्स की एक कोल्ड रोलिंग मिल और पुणे के पास एक एलाय स्टील संयन्त्र था। आज के समय में भारत में मित्तल परिवार का व्यवसाय (जिसमें मुंबई के पास एक विशाल इंटीग्रेटेड स्टील संयन्त्र शामिल है) विनोद और प्रमोद मित्तल चलाते हैं पर लक्ष्मी का इन व्यवसायों से कोई लेना-देना नहीं है।
वर्तमान समय में लक्ष्मी मित्तल आर्सेलर मित्तल के स्टील कंपनी के सीईओ और चेयरमैन हैं। इसके अलावा वह ईएडीएस, आईसीआईसीआई बैंक और इन्वेस्टमेंट बैंकिंग कंपनी गोल्डमैन सैक्स के गैर-कार्यकारी निदेशक भी हैं।भारत सरकार ने सन 2008 में लक्ष्मी मित्तल को  पद्म विभूषण से सम्मानित किया
लक्ष्मी मित्तल का लोकोपकारी कार्य

नवम्बर 2003 में लक्ष्मी मित्तल ने प्रतिभावान भारतीय खिलाडियों के आर्थिक मदद और प्रोत्साहन के लिए ‘मित्तल चैंपियंस ट्रस्ट’ की स्थापना की। सन 2008 में जब अभिनव बिंद्रा ने भारत के लिए ओलंपिक्स में स्वर्ण पदक जीता तब इस ट्रस्ट से 1.5 करोड़ रूपए पुरस्कार के रूप में दिए गए। सन 2012 के लन्दन ओलंपिक्स में उनकी कंपनी ‘आर्सेलर मित्तल’ ने ‘आर्सेलर मित्तल ऑर्बिट’ का निर्माण करवाया था।


शिक्षा के क्षेत्र में

लक्ष्मी मित्तल और उषा मित्तल फाउंडेशन ने सन 2003 में राजस्थान सरकार के साथ मिलकर जयपुर में ‘एल.एन.एम. इंस्टिट्यूट ऑफ़ इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी’ की स्थापना की। यह एक स्वायत्त और लाभ-निरपेक्ष संस्थान है। लक्ष्मी मित्तल फाउंडेशन ने एस.एन.डी.टी. विमेंस यूनिवर्सिटी के ‘इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी फॉर वीमेन’ को चंदे में एक बड़ी धन-राशि दी जिसके बाद संस्थान का नाम बदलकर ‘उषा मित्तल इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी’ कर दिया गया।
स्वास्थ्य के क्षेत्र में
लक्ष्मी मित्तल ने सन 2008 में लन्दन स्थित ‘ग्रेट ओरमोंड स्ट्रीट हॉस्पिटल’ को लगभग डेढ़ करोड़ ब्रिटिश पौंड का चंदा दिया। इस चंदे से अस्पताल में एक नए स्वास्थ्य सुविधा केंद्र की स्थापना हुई – मित्तल चिल्ड्रेन्स मेडिकल सेण्टर।

लक्ष्मी मित्तल का क्वींस पार्क रेंजर्स

लक्ष्मी निवास मित्तल परिवार की प्रोफेशनल इंग्लिश फुटबॉल क्लब ‘क्वींस पार्क रेंजर्स एफ.सी.’ में 33 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
लक्ष्मी मित्तल का निजी जीवन
लक्ष्मी मित्तल का वर्तमान निवास लन्दन स्थित 18-19 केनिंग्सटन पैलेस गार्डन्स है। यह संपत्ति उन्होंने फार्मूला वन के मालिक बर्नी एक्लेस्टोन से सन 2004 में लगभग 12 करोड़ 80 लाख अमेरिकी डॉलर में ख़रीदा था। अपने समय में यह दुनिया का सबसे महंगा मकान था। इस घर को सजाने में उसी खदान के संगमरमर का प्रयोग हुआ है जहाँ से ताज महल बनाने के लिए संगमरमर लाया गया था। सन 2005 में उन्होंने भारत की राजधानी नई दिल्ली स्थित ए.पी.जे.अब्दुल कलाम मार्ग पर एक संपत्ति खरीदी जिसकी कीमत थी 3 करोड़ अमरीकी डॉलर। सन 2008 में उन्होंने अपनी पुत्री वनीशा के विवाह में भी लन्दन स्थित एक मकान उपहार में दिया जिसकी कीमत थी लगभग 7 करोड़ ब्रिटिश पौण्ड।
सम्मान और पुरस्कार

2008: फोर्ब्स पत्रिका द्वारा ‘लाइफटाइम अचीवमेंट’ पुरस्कार दिया गया
2007: किंग्स कॉलेज लन्दन द्वारा फ़ेलोशिप प्रदान की गई
2004: फ़ोर्ब्स पत्रिका द्वारा ‘यूरोपियन बिजनेसमैन ऑफ़ द इयर’
2004: वाल स्ट्रीट जर्नल द्वारा ‘इंटरप्रेन्योर ऑफ़ द इयर’ चुने गए
2004: अमेरिकन मेटल मार्किट एंड वर्ल्ड स्टील डायनामिक्स द्वारा ‘आठवां विल्ली कोर्फ स्टील विज़न (मानद) अवार्ड दिया गया
1996: न्यू स्टील द्वारा ‘स्टील मकर ऑफ़ द इयर’ 
टाइम लाइन (जीवन घटनाक्रम)


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