शकुंतला देवी जीवन परिचय | Biography of Shakuntala Devi in Hindi

शकुंतला देवी भारतीय गणितज्ञ और भारत की पहली महिला जो कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर गणित की दुनिया में प्रख्यात थी। वह 4 नवंबर, 1929 को कर्नाटक के बैंगलोर में जन्मी थी।

शकुंतला देवी ने बचपन से ही गणित के प्रति रुचि दिखाई थी और उन्हें 3 वर्ष की उम्र में अंक गिनती करना सीखा दिया गया था। उनकी खासियत यह थी कि वे बड़ी संख्याओं को देखकर ही उनकी गिनती कर सकती थीं।

शकुंतला देवी को उनकी शक्ति के बारे में दुनिया को पहली बार जानकारी मिली थी जब उन्हें एक ब्रिटिश अधिकारी ने बाजार में बिल भरवाने के लिए दिए गए अंकों की गिनती के लिए बुलाया था। उन्होंने सिर्फ 28 सेकंड में सही उत्तर दिया था जो अधिकारी के लिए समझ से बाहर था।

शकुंतला देवी की खूबियों की वजह से उन्हें विश्वस्तरीय स्तर पर मान्यता मिली और उन्होंने अपनी दक्षता का प्रदर्शन विभिन्न देशों में किया।

शकुंतला देवी जी जन्म, परिवार एवं प्रारंभिक जीवन

शकुंतला देवी जी का जन्म 4 नवंबर, 1929 को भारत के कर्नाटक राज्य के बैंगलोर शहर में हुआ था। उनके पिता का नाम भागवती चरण जिसे वे अपने पिता के नाम से ही याद करती थीं, थे और माँ का नाम नागज्योति देवी था।

शकुंतला देवी जी की मातृभाषा कन्नड़ थी लेकिन वे तमिल, तेलुगु और हिंदी भी बोल सकती थीं। उनके पिता एक नाटककार और मशहूर पुस्तक लेखक थे।

शकुंतला देवी जी का बचपन बहुत ही गरीबी भरा था और उन्हें स्कूल भी नहीं जाने दिया गया था। लेकिन उनकी माँ ने उन्हें घर पर ही शिक्षा दी जिससे वे गणित की दुनिया में माहिर हुईं। उन्होंने बचपन से ही अंक गिनती करने का शौक रखा था और उन्हें बड़ी संख्याओं की गिनती करने की खूबियां थीं।

शकुंतला देवी जी ने अपने बचपन में एक यात्रा पर अपने पिता के साथ जाने के दौरान उनके द्वारा सिक्के की गिनती करते हुए अपनी दक्षता का पहला प्रदर्शन दिया था।

शकुंतला देवी द्वारा लिखी गई किताबे

शकुंतला देवी ने अपने जीवनकाल में कई किताबें लिखीं थीं। उनमें से कुछ महत्वपूर्ण किताबें निम्नलिखित हैं:

  1. “Figuring: The Joy of Numbers” (अंकों का आनंद)
  2. “Perfect Murder” (परफेक्ट मर्डर)
  3. “The World of Homosexuals” (होमोसेक्सुअल्स का विश्व)
  4. “In the Wonderland of Numbers” (अंकों के दुनिया में)
  5. “Astrology for You” (ज्योतिष आपके लिए)
  6. “Mathability: Awaken, Discover and Nurture the Math Genius in Your Child” (गणितीय क्षमता: अपने बच्चे में गणित जेनियस को जागृत, खोजें और पोषण करें)

इनमें से “The World of Homosexuals” उनकी एक अनोखी किताब थी जिसमें वे होमोसेक्सुअलिटी के बारे में बताती थीं और इस पुस्तक को वे स्वयं लिखी थीं।

Shakuntala Devi Husband [शकुंतला देवी विवाह ]

1960 में शकुंतला देवी जी भारत लौट आई, उन्होंने कोलकाता के निवासी भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी परितोष बनर्जी के साथ शादी की, परंतु यह शादी सफल नहीं रही. 1979 में उनका तलाक हो गया. शायद इसका कारण उनके पति का समलैंगिक होना था.

शकुंतला देवी की बेटी [Shakuntala Devi Daughter]–

 शकुंतला देवी की बेटी का नाम अनुपमा बनर्जी है. इनकी शादी तो कामयाब नहीं रही, परंतु इस शादी से उन्हें एक बेटी है. अपने जीवन का आखिरी समय शकुंतला ने अपनी बेटी अनुपमा के साथ ही बिताया. अपने अंतिम सांसों के समय भी वे अपनी बेटी के साथ ही थी. कहा जाता है कि मां बेटी का रिश्ता काफी दिलचस्प रहा है.

शकुंतला देवी जी का राजनैतिक जीवन [Shakuntala Devi Political Life]

शकुंतला देवी जी ने राजनीति में भी अपने कदम रखें. 1980 के दशक में शकुंतला देवी जी ने इंदिरा गांधी के खिलाफ स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ा. उस समय उन्होंने यह चुनाव मेडक जो कि वर्तमान में तेलंगाना में है, से लड़ा था परंतु वे इस चुनाव में हार गई थी, इसके बाद 1980 में भी बैंगलोर वापस आ गई .

शकुंतला देवी को मिला मानव कंप्यूटर नाम

शकुंतला देवी जी का इंटरव्यू बीबीसी द्वारा लिया गया था, जिसके एडिटर लेस्ली मिशेल थे. उस समय शकुंतला देवी जी से बहुत ही कठिन मैथमेटिक्स प्रॉब्लम सॉल्व करवाई गई थी जो कि उनके द्वारा कुछ ही सेकंड में सोल्व कर दी गई थी. लेकिन उस वक्त शो के होस्ट ने यह बताया था कि जो आंसर शकुंतला देवी जी ने दिया है, वह करेक्ट नहीं है क्योंकि वह आंसर टीम द्वारा केलकुलेट आंसर से मैच नहीं कर रहा था, परंतु थोड़ी देर बाद उन्हें यह ज्ञात हुआ कि यह आंसर शकुंतला देवी द्वारा सही दिया गया है और इस इंटरव्यू के बाद इन्हें “मानव कंप्यूटर” नाम से नवाजा गया.

Shakuntala Devi Awards and Achievements

शकुंतला देवी ने अपने जीवनकाल में कई अवार्ड और सम्मान प्राप्त किए थे। निम्नलिखित हैं कुछ महत्वपूर्ण सम्मान और उपलब्धियां:

  1. उन्हें 1988 में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में “फास्टेस्ट मेंटल कैलकुलेशन” के रिकॉर्ड के लिए सम्मानित किया गया था।
  2. उन्हें 2013 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया था।
  3. उन्हें 1982 में विश्व गणित संघ द्वारा “विश्व गणित दिवस” के अवसर पर विशिष्ट सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया था।
  4. उन्हें ज्ञानपीठ पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया था।
  5. उन्हें इंडियन वुमन ऑफ एर अवॉर्ड, लीडिंग वुमन अवार्ड और अन्य कई अवार्ड भी प्राप्त हुए थे।

इसके अलावा, शकुंतला देवी को अपनी गणित की क्षमताओं के लिए दुनियाभर में जाना जाता है। वह अपने जीवन के दौरान बहुत से लोगों की मदद करती थीं और उन्हें गणित के बारे में जागरूक करती थीं।

विदेश दौरा और अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन

  • 1950 में शकुंतला देवी ने यूरोप का दौरा किया, इस दौरान उन्होंने अपनी अंकगणित की प्रतिभा को हर एक शहर में प्रदर्शित किया.
  • 1976 में इन्होंने न्यूयॉर्क सिटी में भी अपनी कला का प्रदर्शन किया .
  • 1988 में जब वे यूएस का दौरा कर रही थी, तब उनके इस टैलेंट को साइकोलॉजी के प्रोफेसर जेनसन द्वारा जांचा गया जिसमें उन्होंने शकुंतला देवी से बहुत ही बड़ी – बड़ी संख्याओं की गणना करवाई, जिनमें उन्होंने कहीं तरह के घनमूल एवं वर्गमूल जैसी गणनाये कराई, जिन्हें नोट करने से पहले ही शकुंतला देवी सॉल्व कर दिया करती थी .
  • प्रोफ़ेसर भी उनकी प्रतिभा से काफी खुश हुए जिसके बारे में 1990 में उन्होंने शैक्षणिक पत्रिका इंटेलिजेंस में भी लिखा है.
  • 1977 में दक्षिणी मेथोडिस्ट विश्वविद्यालय में शकुंतला जी की इस कला को परखने के लिए उनकी परीक्षा ली गई, जिसमें उनसे काफी कठिन गणना करवाई गई, जिसका जवाब उन्होंने महज 50 सेकेंड में दे दिया.
  • उनकी इस गणना की पुष्टि यूनीवैक 1101 कंप्यूटर द्वारा की गई उस कंप्यूटर में इस तरह की कठिन गणनाओं के लिए विशेष प्रकार की कोडिंग करके प्रोग्राम बनाया गया था.
  • 18 जून 1980 को भी शकुंतला देवी जी की कला को परखा गया और उन्हें 13 अंकों के दो नंबरों का आपस में गुणा करने को कहा गया, जिसका जवाब उन्होंने सिर्फ 28 सेकंड में दिया जो कि बिल्कुल सही था और यह जांच इंपीरियल कॉलेज लंदन में की गई थी. उनके इस प्रदर्शन के बाद 1982 में उनका नाम “गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड” में शामिल किया गया.
  • उनके लिए राइटर स्टीवन स्मिथ द्वारा यह लिखा गया कि जिस तरह से गणनाओं का जवाब कम समय में शकुंतला देवी द्वारा दिया जाता है, इस तरह का अनुभव पूर्व में कभी नहीं किया गया, यह एक अविश्वसनीय प्रतिभा है .

Shakuntala Devi Death in hindi | शकुंतला देवी की मृत्यु

अप्रैल 2013 में शकुंतला देवी जी को सांस संबंधी शिकायत होने के कारण ने बैंगलोर के अस्पताल में भर्ती किया गया था, साथ ही वह हृदय एवं किडनी के रोग से ग्रसित भी थी. 2 हफ्ते तक अस्पताल में रहने के बाद 21 अप्रैल 2013 में उनकी मृत्यु हो गई.

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