who is the Father of Indian information technology | भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी के जनक फ़क़ीर चंद कोहली का जीवन परिचय

फ़क़ीर चंद कोहली नामचीन आईटी कंपनी TCS (टाटा  कंसल्टेंसी  सर्विसेज)के को-फाउंडर थे. फ़क़ीर चंद कोहली को भारतीय आईटी सेक्टर के पितामह (फादर ऑफ इंडियन सॉफ्टवेयर इंडस्ट्री) के रूप में जाना जाता है . फ़क़ीर कोहली ने 96 साल की उम्र में गुरुवार 26 नवंबर २०२० को अंतिम सांस ली. आइये हम लोग उनकी जिंदगी को थोड़ा और करीब से जानते हैं.

पेशावर में हुआ था जन्म

फ़क़ीर चंद कोहली का जन्म 19 मार्च, 1924 को पेशावर में हुआ था , जो अब पाकिस्तान का हिस्सा है . इनकी शुरूआती पढ़ाई लाहौर से हुई थी  . इसके बाद ये इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग पढ़ने कनाडा चले गए. इंजीनियरिंग करने के बाद कुछ साल तक अमेरिका के प्रतिष्ठित MIT में भी पढ़ाई की. और 1951 में ये स्वदेस  मे लौटकर कर आए.

1969 में टीसीएस का ज़िम्मा संभाला

भारत लौटने के बाद फ़क़ीर चंद जी ने टाटा कम्पनी ज्वाइन की. एक वर्ष यानि 1970 में ही कंपनी के डायरेक्टर के पद तक पहुंच गए थे. 1969 में उन्हें टीसीएस का जनरल मैनेजर बनाया गया. एयर इंडिया की बिल्डिंग से उन्होंने टीसीएस की शुरुआत की. कंपनी को उस मुक़ाम पर पहुंचाया, जहां हर साल हम उसे सबसे ज़्यादा इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स को नौकरी देते देखते हैं. कोहली लीडर्स को तराशने में यकीन रखते थे और भारत की आईटी इंडस्ट्री के लिए एक पूरी पीढ़ी तैयार करने में लगे थे। कोहली के बाद टीसीएस के सीईओ बनने वाले सुब्रमण्यम रामादोराई कहते हैं कि फकीर चंद कोहली सबसे अधिक डिमांड में रहने वाले बॉस थे, जिन्होंने खुद उन्हें और उनकी पूरी टीम को तराशने में बड़ी भूमिका निभाई।

ऐसा काम किया कि पीढ़ियां याद करें

70 के दशक की शुरुआत से ही फ़क़ीर चंद ( F C Kohali) ने टीसीएस को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करने के लिए मेहनत शुरू कर दी थी. उन्होंने भारतीय विश्वविद्यालयों के साथ मिलकर उनके यहां कंप्यूटर साइंस का डिपार्टमेंट तैयार करवाने पर काम किया. साथ ही साथ, भारत सरकार को भी लेटेस्ट कम्प्यूटरों के आयात के लिए मनाया. 70 के दशक में ही फ़क़ीर चंद कोहली ने भारत में टेक्नोलॉजी और कंप्यूटर से जुड़ा ऐसा माहौल तैयार कर दिया था, जिसे आने वाली पीढ़ियां याद करने वाली थीं.

1991 में उन्होंने लगकर IBM के साथ काम किया, ताकि उसे भारत आने के लिए मना सकें. उन्हीं के प्रयासों का नतीजा था कि IBM जैसी बड़ी विदेशी कंपनी भारत आई, और टाटा-IBM ने साथ मिलकर काम किया. 1994 में फ़क़ीर चंद कोहली को टीसीएस का डिप्टी चेयरमैन बना दिया गया. इतने शानदार करियर के बाद उन्होंने 75 की उम्र में 1999 में अपने रिटायरमेंट की घोषणा कर दी. हालांकि रिटायरमेंट के बाद भी कंपनी से जुड़े रहे.

पद्मभूषण से भी नवाजा गया

अपने पूरे करियर के दौरान उन्हें कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय खिताब मिले. रिटायरमेंट के बाद 2002 में उन्हें भारत सरकार ने पद्मभूषण से नवाजा.  उनके निधन पर पीएम नरेंद्र मोदी ने भी श्रद्धांजलि दी.

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